शीर्षक: बिहार में अंतरराष्ट्रीय जलवायु सम्मेलन: वैश्विक विशेषज्ञों ने गंगा सफाई पर चर्चा
18 सितंबर 2025 को पटना में आयोजित अंतरराष्ट्रीय जलवायु सम्मेलन में बिहार सरकार ने गंगा नदी की सफाई और जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए वैश्विक साझेदारी पर जोर दिया। संयुक्त राष्ट्र और यूरोपीय संघ के प्रतिनिधियों ने भाग लिया, जिसमें 500 मिलियन डॉलर की सहायता पैकेज की घोषणा हुई।



पटना, 18 सितंबर 2025: बिहार की राजधानी पटना में आज एक महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय जलवायु सम्मेलन का आयोजन किया गया, जिसमें वैश्विक स्तर पर जलवायु परिवर्तन और गंगा नदी की सफाई जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई। बिहार सरकार द्वारा आयोजित इस सम्मेलन में संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP), यूरोपीय संघ (EU), अमेरिका और जापान जैसे देशों के विशेषज्ञों ने भाग लिया।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए कहा, "बिहार गंगा का उद्गम स्थल होने के नाते जलवायु परिवर्तन से सबसे अधिक प्रभावित है। हम अंतरराष्ट्रीय सहयोग से न केवल नदी को स्वच्छ बनाएंगे, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूत करेंगे।" सम्मेलन में गंगा बेसिन के जल प्रबंधन, हरित ऊर्जा परियोजनाओं और बाढ़ नियंत्रण पर विस्तृत चर्चा हुई।
एक प्रमुख घोषणा के तहत, यूरोपीय संघ ने बिहार के लिए 500 मिलियन डॉलर की सहायता पैकेज की पेशकश की, जो गंगा सफाई और सौर ऊर्जा संयंत्रों के निर्माण में उपयोग होगा। जापान ने तकनीकी सहायता देने का वादा किया, जबकि UNEP ने बिहार को जलवायु अनुकूलन मॉडल राज्य घोषित करने की सिफारिश की।
यह सम्मेलन बिहार की वैश्विक मंच पर बढ़ती भूमिका को दर्शाता है, खासकर जब भारत G20 की अध्यक्षता कर चुका है। विशेषज्ञों का मानना है कि इससे बिहार के पर्यावरण और अर्थव्यवस्था दोनों को लाभ होगा। सम्मेलन कल तक चलेगा, जिसमें नीतिगत समझौतों पर हस्ताक्षर होने की संभावना है।

इस समाचार को साझा करें:


